हड़प्पा
संस्कृति की नगर-योजना:
हड़प्पा संस्कृति एक नगरीय संस्कृति थी। इस
संस्कृति की महत्वपूर्ण विशेषता इसकी नगर योजना प्रणाली थी। इस सभ्यता के नगर
विश्व के प्राचीनतम सुनियोजित नगर हैं।
۞ सामान्यतः इस सभ्यता के नगर दो भागों में बंटे
थे। ऊंचे टीले पर स्थित प्राचीर युक्त बस्ती नगर दुर्ग और इसके पश्चिमी ओर के
आवासीय क्षेत्रा निचला नगर होता था।
۞ दुर्ग में शासक वर्ग के लोग रहते थे तथा निचले
नगर में सामान्य लोग रहते थे।
۞ भवन निर्माण में पक्की एवं कच्ची दोनों तरह की
ईंटों का प्रयोग होता था। भवन में सजावट आदि का अभाव था।
۞ ईंटों के निर्माण का निश्चित अनुपात था 4:2:1।
۞ प्रत्येक मकान में स्नानागार, कुएं एवं गंदे
जल की निकासी के लिए नालियों का प्रबंध था।
۞ सड़कें कच्ची थीं और प्रायः एक-दूसरे को समकोण
पर काटती थीं तथा नगर को आयताकार खंडों में विभक्त करती थी।
۞ मकानों के दरवाजे मध्य में ने होकर एक किनारे
पर होते थे।
۞ हड़प्पा संस्कृति की जल निकास प्रणाली
अद्वितीय थी। समकालीन किसी भी दूसरी सभ्यता ने स्वास्थ्य और सफाई को इतना महत्व
नहीं दिया, जितना
कि हड़प्पा संस्कृति के लोगों ने दिया।
۞ हड़प्पाई जुड़ाई के लिए मिट्टी के गाडे तथा
जिप्सम के मिश्रण दोनों का उपयोग करते थे।
۞ इस सभ्यता के नगरों के भवन जाल की तरह
विन्यस्त थे।